इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लग रहा है। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन लगता है। हिन्दु पंचांग की मानें तो पौष माह की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या कहते हैं। 26 दिसंबर को पौष अमावस्या है। इस अमावस्या पर सूर्य की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन पितृदोष शांति और पिछले जन्म के पापों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए उपाय किए जाते हैं।
लेकिन सूर्य ग्रहण लगने से अमावस्या के ये उपाय सूतक लगने से पहले ही कर लिए जाएंगे। दरअसल सूतक लगने पर मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं। इसलिए अमावस्या का स्नान- दान और सूर्य ग्रहण का स्नान- दान दोनों किए जाने महत्वपूर्ण हैं।
सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से लगेगा और ग्रहण खत्म होने पर समाप्त होगा। सूतक काल को किसी शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। बताया जा रहा है कि आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा। सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू कर देगा। इसके बाद सुबह 9.26 तक पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा। कुल मिलाकर 3.12 मिनट का यह सूर्य ग्रहण होगा।
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